“जानिए Deepa Bhati की प्रेरणादायक कहानी, जिन्होंने शादी के 18 साल बाद और तीन बच्चों की जिम्मेदारियों के बीच UPPSC PCS परीक्षा पास कर 166वीं रैंक हासिल की।”
कहते हैं कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। Deepa Bhati की कहानी इस कथन को सच साबित करती है। शादी के 18 साल बाद, तीन बच्चों की देखभाल और घर की जिम्मेदारियों के बीच उन्होंने यूपीपीएससी पीसीएस परीक्षा (UPPSC PCS Exam) पास की। यह सफलता उनकी मेहनत, समर्पण और जज्बे की मिसाल है।
Deepa Bhati का परिचय
दीपा भाटी नोएडा के कोंडली बांगर गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने 2021 में यूपीपीएससी पीसीएस परीक्षा पास कर 166वीं रैंक हासिल की और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की प्राचार्य बनीं। उनकी इस उपलब्धि ने सभी को चौंका दिया।
संघर्ष की शुरुआत: शिक्षक की नौकरी का नुकसान
Deepa Bhati ने बीएड की पढ़ाई कर स्कूल में टीचर की नौकरी शुरू की थी। लेकिन गले में समस्या होने की वजह से डॉक्टरों ने उन्हें ज्यादा बोलने से मना कर दिया। इसके चलते उनकी नौकरी छूट गई। यह घटना उनके लिए बड़ा झटका थी, लेकिन उन्होंने इसे अपने जीवन को एक नई दिशा देने का मौका बनाया।
भाई ने दिखाया नया रास्ता: यूपीपीएससी की तैयारी
नौकरी छूटने के बाद Deepa Bhati असमंजस में थीं कि अब क्या करें। तभी उनके भाई ने उन्हें यूपीपीएससी पीसीएस परीक्षा की तैयारी करने का सुझाव दिया। दीपा ने इस सुझाव को गंभीरता से लिया और यूपीपीएससी टॉपर्स के वीडियो देखना शुरू किया। वह उनकी रणनीतियां समझने लगीं और तैयारी में जुट गईं।
चुनौतियां: घर की जिम्मेदारी और पढ़ाई
तीन बच्चों की मां होने के नाते दीपा के लिए तैयारी आसान नहीं थी। सुबह-सुबह घर का काम पूरा करना, बच्चों को स्कूल भेजना और दिनभर पढ़ाई के लिए समय निकालना। यह उनके लिए बहुत मुश्किल था लेकिन उन्होंने हर मुश्किल का सामना किया। “वो कहते हैं ना की अगर इंसान के अंदर कुछ पाने का जुनून हो तो वह हर मुश्किल से लड़ जाते हैं”
इस दौरान उन्हें समाज और परिवार से ताने भी सुनने पड़े। लोग कहते थे, “अब इस उम्र में पढ़ाई का भूत क्यों सवार हो गया है?” बच्चे भी शिकायत करते थे कि उनकी मां पढ़ाई में ही व्यस्त रहती हैं। लेकिन Deepa Bhati ने इन सब बातों को नजरअंदाज कर अपने लक्ष्य पर ध्यान दिया।
PCS Success Story कड़ी मेहनत का फल
दीपा भाटी को पहली और दूसरी बार असफलता मिली। पहला प्रयास में कुछ अंकों से चूक गईं। फिर दूसरी बार में भी असफलता का सामना करना पड़ा। उसके बाद फाइनली तीसरा प्रयास 2021 में 166वीं रैंक हासिल कर सफलता पाई।
उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया कि निरंतर प्रयास और धैर्य से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
सफलता का महत्व: नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा
Deepa Bhati की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो जिम्मेदारियों के बोझ तले अपने सपनों को छोड़ देते हैं।
1. उन्होंने यह साबित किया कि उम्र या पारिवारिक जिम्मेदारियां किसी भी लक्ष्य को पाने में बाधा नहीं बन सकतीं।
2. उनकी कहानी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने और अपने सपनों के लिए लड़ने की प्रेरणा देती है।
दीपा का संदेश: मेहनत और दृढ़ संकल्प से सफलता
दीपा भाटी ने अपनी सफलता से यह संदेश दिया कि अगर आप मेहनत और समर्पण से कोई लक्ष्य तय करते हैं, तो आप हर मुश्किल को पार कर सकते हैं। उनकी यह सफर सिर्फ एक परीक्षा पास करने तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन में कुछ बड़ा हासिल करने की प्रेरणा देती है।
हौसले की उड़ान
Deepa Bhati की कहानी उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है, जो जिम्मेदारियों और परिस्थितियों का बहाना बनाकर अपने सपनों से समझौता कर लेते हैं। उनका जीवन संदेश देता है कि अगर आप दृढ़ संकल्पित हैं, तो आप किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं।
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