Ratan Tata के बाद Tata Groups का भविष्य: कौन संभालेगा उनकी विरासत?

“Ratan Tata के निधन के बाद Tata Groups का नेतृत्व कौन करेगा? जानें N. Chandrasekaran, Noel Tata और Tata Trust के भविष्य से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ।”

Tata Groups (टाटा समूह) के पूर्व चेयरमैन Ratan Tata का बुधवार रात करीब 11:30 बजे निधन हो गया। टाटा समूह में अब तक सबसे ऊंचा पद टाटा परिवार के ही किसी सदस्य को मिलता रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि Ratan Tata के जाने के बाद उनकी इस महान विरासत को कौन संभालेगा?

N. Chandrasekaran: टाटा संस के चेयरमैन

Ratan Tata के कार्यकाल के बाद Natarajan Chandrasekaran को 2017 में Tata Sons का Chairman नियुक्त किया गया था। हालांकि, Ratan Tata, Tata Trust के Chairman थे और इन ट्रस्टों का टाटा समूह के संचालन में महत्वपूर्ण योगदान है। 

Ratan Tata ने उत्तराधिकारी की नियुक्ति नहीं की

Ratan Tata ने अपनी मृत्यु से पहले Tata Trust के नए उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं की थी, जिससे यह सवाल उठता है कि अब Tata Trust (टाटा ट्रस्ट) की कमान किसके हाथों में होगी। ये ट्रस्ट, विशेष रूप से Sir Dorabji Tata Trust और Sir Ratan Tata Trust, टाटा संस के प्रमुख शेयरधारक हैं और कंपनी के लगभग 52% हिस्से के मालिक हैं। अब ट्रस्टी नए चेयरमैन का चयन करेंगे। 

Tata Trust का नेतृत्व: पारसी समुदाय और टाटा परिवार

टाटा ट्रस्ट का नेतृत्व पारंपरिक रूप से टाटा परिवार और पारसी समुदाय से जुड़ा रहा है। रतन टाटा के कार्यकाल में उन्होंने टाटा ट्रस्ट और टाटा संस दोनों का नेतृत्व किया था। लेकिन 2022 में हुए कंपनी के आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन में संशोधन के बाद, इन दोनों भूमिकाओं को अलग कर दिया गया है ताकि गवर्नेंस में सुधार लाया जा सके।

Noel Tata: संभावित उत्तराधिकारी

Ratan Tata के सौतेले भाई नोएल टाटा, जो ग्रुप की कई कंपनियों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाते रहे हैं, टाटा ट्रस्ट और टाटा संस के नेतृत्व के लिए एक प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। नोएल टाटा वोल्टास, टाटा इन्वेस्टमेंट और टाटा इंटरनेशनल जैसी प्रमुख कंपनियों के चेयरमैन हैं। इसके अलावा, वह Tata Steel के Vice Chairman और Sir Ratan Tata Trust के बोर्ड में भी शामिल हैं।

Noel Tata के बच्चे: नई पीढ़ी की भागीदारी

Noel Tata के बच्चे भी Tata Groups में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उनकी बेटी Leah Tata, Maya Tata, और Neville Tata टाटा समूह की विभिन्न कंपनियों में काम कर रहे हैं। लिआह टाटा ताज होटल्स में वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर कार्यरत हैं, जबकि माया टाटा टाटा कैपिटल में एनालिस्ट के रूप में काम कर रही हैं। नेविल टाटा ने ट्रेंट में अपनी प्रोफेशनल यात्रा शुरू की है।

Tata Groups: 1868 से लेकर अब तक

टाटा समूह की स्थापना जमशेदजी टाटा ने 1868 में की थी। यह समूह आज भारत की सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों में से एक है। टाटा समूह की 30 से अधिक कंपनियाँ 100 से ज्यादा देशों में कारोबार कर रही हैं। टाटा ग्रुप के उत्पादों का योगदान हर रोज की जिंदगी में देखा जा सकता है, चाहे वह चाय हो, घड़ी हो, कार हो या फिर मनोरंजन सेवाएं। 

Tata Group की सामाजिक जिम्मेदारियाँ

Tata Sons की 66% इक्विटी शेयर चैरिटेबल ट्रस्टों के पास है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, कला और संस्कृति के क्षेत्रों में काम करते हैं। यह ट्रस्ट समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कार्यरत हैं। 2023-24 में टाटा समूह का कुल रेवेन्यू 13.86 लाख करोड़ रुपए था और इसने 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया।

भविष्य की दिशा

Ratan Tata के जाने के बाद, Tata Groups के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वह अपनी प्रगति को कैसे बरकरार रखे। एन. चंद्रशेखरन और टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन के नेतृत्व में यह देखना दिलचस्प होगा कि समूह आने वाले समय में किन दिशा-निर्देशों का पालन करता है। टाटा की विरासत न केवल व्यवसायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी इसका बड़ा योगदान है।

Ratan Tata के जाने के बाद टाटा समूह एक नए नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है, जहां नोएल टाटा और उनके परिवार के सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। समूह की संपन्नता और सामाजिक जिम्मेदारी भविष्य में भी इसे भारत का एक प्रमुख आर्थिक और सांस्कृतिक स्तंभ बनाए रखेंगी।

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