“Middle East Conflict: मिडिल ईस्ट में छिड़े महायुद्ध की पूरी जानकारी। जानिए कैसे ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ते-बढ़ते हवाई हमले तक पहुंच गया, जिसमें तेहरान और अन्य सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया।”
Middle East Conflict: मिडिल ईस्ट में जारी ईरान और इजरायल के बीच तनाव ने अब गंभीर रूप ले लिया है। 1 अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइल दागीं, जिसके बाद इजरायल ने भी जवाबी हमला करते हुए ईरान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। इस लेख के माध्यम से आप संघर्ष की प्रमुख घटनाओं और इसकी पृष्ठभूमि के बारे में जानेंगे।
Middle East Conflict: ईरान द्वारा इजरायल पर हमला
Middle East Conflict: अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइल दागीं। यह हमला लेबनान में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत और दक्षिणी लेबनान में इजरायल के ग्राउंड ऑपरेशन से नाराजगी के बाद किया गया था। ईरान ने घोषणा की थी कि वह इजरायल पर हमले जारी रखेगा।
इजरायल का जवाबी हमला
Middle East Conflict: तेहरान और सैन्य ठिकानों पर बमबारी
ईरान के हमले का जवाब देते हुए, इजरायल ने तेहरान और उसके आस-पास के कई सैन्य ठिकानों पर हवाई हमला किया। इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस हमले की पुष्टि की और कहा कि यह ईरान के लगातार हमलों का जवाब है। IDF ने स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई का उद्देश्य इजरायल और उसके नागरिकों की सुरक्षा है।
IDF का बयान
Middle East Conflict: IDF ने अपने बयान में कहा कि “ईरान और उसके सहयोगी 7 अक्टूबर से सात अलग-अलग मोर्चों पर इजरायल पर हमले कर रहे हैं। एक संप्रभु देश के रूप में इजरायल को अपनी सुरक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई का अधिकार है।
अमेरिका को थी इस हमले की जानकारी
इजरायल और अमेरिका के बीच समन्वय
इजरायल ने इस हमले की सूचना पहले ही व्हाइट हाउस को दे दी थी। फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को भी इस पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया जा रहा है, और वाशिंगटन इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
संघर्ष की पृष्ठभूमि और भविष्य की संभावना
Middle East Conflict: बढ़ते तनाव और क्षेत्रीय प्रभाव
ईरान और इजरायल के बीच यह संघर्ष नया नहीं है; दोनों देशों के बीच लंबे समय से प्रतिद्वंद्विता चली आ रही है। इस हालिया टकराव से क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक शांति पर असर पड़ सकता है, और यदि यह जारी रहा तो मिडिल ईस्ट में महायुद्ध की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।