“Iran Israel Tension: मिसाइल हमलों के बाद Iran और Israel के बीच बढ़ते तनाव के बारे में जानें, जहां ईरान ने खाड़ी देशों को इज़रायल का समर्थन न करने की कड़ी चेतावनी दी है।”
Iran Israel Tension: इज़रायल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव
ईरान और इज़रायल के बीच हालिया संघर्ष (Iran Israel Tension) में तेज़ी आई जब ईरान ने इज़रायल पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागी। इसके बाद इज़रायल ने ईरान के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की कसम खाई। इज़रायल के अधिकारियों ने संकेत दिये कि वे ईरान के परमाणु या तेल बुनियादी ढांचे पर हमला कर सकते हैं।
खाड़ी देशों को दी गई चेतावनी
Iran Israel Tension: ईरान को डर है कि इज़रायल उसके खिलाफ हमले के लिए खाड़ी देशों के क्षेत्रों या हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल कर सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए, ईरान ने सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन और कतर जैसे तेल संपन्न देशों को कड़ी चेतावनी दी है। इन सभी देशों में अमेरिकी सैन्य बलों की मौजूदगी है, और ईरान ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर किसी ने इज़रायल की मदद की, तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
Iran Israel Tension: ईरान का पलटवार करने का इरादा
ईरान ने पहले ही इज़रायल पर मिसाइलें दागी हैं, और इज़रायल ने इसके जवाब में सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है। इज़रायल के हमले के जवाब में ईरान भी पलटवार करने की तैयारी में है, जिससे न केवल इज़रायल, बल्कि खाड़ी के उन देशों को भी खतरा हो सकता है, जो इज़रायल का समर्थन करेंगे।
खाड़ी देशों में फैली दहशत
तेल बुनियादी ढांचे पर खतरे की आशंका
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात समेत खाड़ी देशों के नेताओं को इस बात का डर है कि अगर उनके सैन्य या तेल बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल किया गया, तो ईरान उन पर हमला कर सकता है। खाड़ी के ये देश वैश्विक तेल आपूर्ति का अहम हिस्सा हैं, और किसी भी तरह का हमला वैश्विक तेल बाजार को अस्थिर कर सकता है।
वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति पर प्रभाव
इज़रायल और ईरान के बीच युद्ध की स्थिति में होर्मुज़ के जलडमरूमध्य से गुजरने वाले तेल निर्यात में रुकावट आ सकती है, जिससे तेल की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल सकती है। इसका प्रभाव न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक बाजारों पर भी पड़ेगा।
अमेरिका की प्रतिक्रिया
नए प्रतिबंधों की घोषणा
तनाव को देखते हुए, अमेरिका ने ईरान के तेल और पेट्रोकेमिकल उद्योगों पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य ईरान के “शेडो फ्लीट” नामक जहाजों को निशाना बनाना है, जो प्रतिबंधों के बावजूद सक्रिय थे।
Iran Israel Tension: ईरान और इज़रायल के बीच बढ़ते तनाव से खाड़ी देशों और वैश्विक तेल बाजार पर गहरा असर पड़ सकता है। ईरान की धमकियों के चलते खाड़ी के तेल संपन्न देश अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इस स्थिति में अमेरिका की भूमिका और प्रतिबंधों का असर आने वाले समय में महत्वपूर्ण होगा।
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