“India-China border dispute: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद अब समाप्ति की ओर है। पीएम मोदी और शी जिनपिंग (Xi Jinping) की मुलाकात में LAC पर सैनिकों को पीछे हटाने और गश्त फिर से शुरू करने पर सहमति बनी।”
India-China border dispute: भारत और चीन के बीच लंबे समय से जारी तनाव में अब सुधार के संकेत मिल रहे हैं। दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों को पीछे हटाने का ऐलान किया है। हाल ही में 16वें ब्रिक्स सम्मेलन (BRICS Summit) के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात को सफल माना जा रहा है। यह मुलाकात खास इसलिए है क्योंकि पिछले 5 वर्षों में दोनों नेताओं के बीच यह पहली बार हुआ संवाद था। 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी, लेकिन अब उनके सुधार की उम्मीदें जग रही हैं।
India-China border dispute: विवाद का समाधान कैसे हुआ?
न्यूज18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया है कि चीन भी LAC मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाना चाहता था। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी दबाव के बावजूद, पीएम मोदी की रूस यात्रा के कारण चीन समझौते के लिए तैयार हुआ। पिछले 6 महीनों में बातचीत तेजी से हुई और अब सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने पर सहमति बन गई है। यह कूटनीतिक प्रयास दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
गश्त की प्रक्रिया फिर से शुरू होगी
India-China border dispute: रिपोर्ट के अनुसार, LAC पर दोनों देशों के बीच डिसइंगेजमेंट और डीएस्केलेशन की प्रक्रिया जल्द ही तेज गति से पूरी होगी। दोनों देश इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करना चाहते हैं। इसके साथ ही LAC पर भारत और चीन की संयुक्त गश्त की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होने की संभावना है, जो सीमा पर स्थिरता सुनिश्चित करेगी।
BRICS Summit 2024 में हुई चर्चा
50 मिनट की महत्वपूर्ण बैठक
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान करीब 50 मिनट तक चली इस बैठक में, प्रधानमंत्री मोदी ने मतभेदों और विवादों को शांति और स्थिरता बनाए रखने के तरीके से हल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि परस्पर विश्वास, एक-दूसरे का सम्मान और संवेदनशीलता भारत-चीन संबंधों का आधार होना चाहिए। विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने और विकासात्मक चुनौतियों का मिलकर सामना करने की संभावनाओं पर भी चर्चा की।
विशेष प्रतिनिधियों की भूमिका
India-China border dispute: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि दोनों नेताओं ने भारत-चीन सीमा विवाद को हल करने और सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए विशेष प्रतिनिधियों को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आवश्यकता पर जोर दिया। Modi और Xi Jinping ने विशेष प्रतिनिधियों को जल्द से जल्द बैठक करने के निर्देश दिए, ताकि सीमा विवाद पर समाधान की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।
पूर्वी लद्दाख विवाद पर भारत का रुख
समझौते की बड़ी सफलता
सोमवार को, भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में LAC पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने के समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह चार साल से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। विदेश सचिव ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल होने के बाद ही द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
4 साल की लंबी प्रक्रिया
कूटनीतिक और सैन्य वार्ताएं
India-China border dispute: पिछले 4 वर्षों में भारत और चीन के बीच 31 दौर की कूटनीतिक बैठकें और 21 सैन्य स्तर की वार्ताएं हो चुकी हैं। इसके अतिरिक्त, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच दो बार मुलाकात भी हुई। दोनों देशों के बीच LAC के 7 बिंदुओं पर संघर्ष था, जिनमें से 5 बिंदुओं पर सैनिक पीछे हट चुके हैं। अब देपसांग और डेमचोक पर भी सहमति बन गई है, जिससे यह लंबे समय से चला आ रहा विवाद अब समाप्ति की ओर है।
इस प्रकार, भारत और चीन के बीच हालिया समझौते से दोनों देशों के संबंधों में नई शुरुआत की उम्मीद की जा रही है।
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