“IFS Vidushi Singh की प्रेरणादायक कहानी: 21 साल की उम्र में बिना कोचिंग के पहले प्रयास में UPSC पास किया और IAS-PCS पद को ठुकराकर IFS चुना। जानें उनके सफर, मेहनत और परिवार के सपने को पूरा करने की प्रेरणा।”
21 वर्षीय विदुषी सिंह की सफलता की कहानी सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जिन्होंने पहले ही प्रयास में UPSC पास किया और IAS-PCS का पद छोड़ दिया। आइए, जानते हैं कौन है IFS Vidushi Singh जिसने अपने दादा दादी का सपना पूरा करने के लिए IAS और IPS दोनो पद को ठुकराकर IFS बनी की।
हमने अक्सर देखा है कि कई लोग वर्षों तक तैयारी करते हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिलती. वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं, जो कम उम्र में ही सफलता के शिखर तक पहुंच जाते हैं. इनमें से भी कुछ चुनिंदा लोग ऐसे होते हैं जो पारंपरिक रास्तों से हटकर अपनी अलग पहचान बनाते हैं. ऐसा ही एक प्रेरणादायक उदाहरण हैं आईएफएस (इंडियन फॉरेन सर्विस) अधिकारी विदुषी सिंह का, जिन्होंने केवल 21 साल की उम्र में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की और आईएएस तथा आईपीएस जैसे प्रतिष्ठित पदों को छोड़कर आईएफएस चुनी।
शुरुआती जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि
जोधपुर में जन्म और अयोध्या से संबंध:
IFS Vidushi Singh का जन्म राजस्थान के जोधपुर में हुआ, लेकिन उनके परिवार का संबंध पवित्र नगरी अयोध्या से है। उनकी सफलता का सफर यहीं से शुरू होता है, जिसमें उनके दादा-दादी का विशेष योगदान रहा।
शिक्षा और UPSC की तैयारी
IFS Vidushi Singh ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने बिना किसी कोचिंग के अपनी तैयारी स्वाध्यायी रूप से की, जो उनकी आत्मनिर्भरता और समर्पण को दर्शाता है।
पहले प्रयास में UPSC की परीक्षा पास करना:
विदुषी ने पहले ही प्रयास में UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली, जो लाखों छात्रों का सपना होता है। अपनी मेहनत और आत्मविश्वास के बलबूते पर उन्होंने पूरे देश में 13वीं रैंक हासिल की।
IAS और IPS को ठुकरा कर IFS का चुनाव
दादा-दादी का सपना पूरा करने का संकल्प:
IFS Vidushi Singh के दादा-दादी का सपना था कि वे भारतीय विदेश सेवा (IFS) में अधिकारी बनें। उन्होंने इस सपने को पूरा करने के लिए IAS और IPS जैसी प्रतिष्ठित नौकरियों को ठुकरा दिया। उनका यह निर्णय बताता है कि विदुषी के लिए परिवार का महत्व कितनी अहमियत रखता है।
वैकल्पिक विषय के रूप में अर्थशास्त्र का चयन:
UPSC में वैकल्पिक विषय के रूप में विदुषी ने अर्थशास्त्र का चयन किया। उनके अनुशासन और विषय में गहरी समझ ने उन्हें 13वीं रैंक प्राप्त करने में मदद की।
बिना कोचिंग के सफल होने का Tips
स्वाध्यायी तैयारी पर जोर:
IFS Vidushi Singh का मानना है कि UPSC की तैयारी के लिए Self Study करना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने किसी भी कोचिंग क्लास से सहायता नहीं ली, बल्कि अपनी योजना और रणनीति के अनुसार तैयारी की।
IFS Vidushi Singh के सुझाव:
- नियमित अध्ययन करें: हर दिन अध्ययन को आदत बनाएं।
- अनुशासन बनाए रखें: तैयारी में अनुशासन का महत्व होता है, इसलिए नियमित Planing के साथ आगे बढ़ें।
- आत्मविश्वास बनाए रखें: IFS Vidushi Singh का मानना है कि आत्मविश्वास से बड़ी कोई शक्ति नहीं होती।
IFS Vidushi Singh सिंह के प्रेरणादायक विचार
युवाओं को संदेश:
विदुषी का संदेश है कि असफलताओं से निराश होने की बजाय उन पर काम करें और अपने लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ें। परिवार का सपना, आत्मनिर्भरता, और दृढ़ निश्चय उनकी सफलता का आधार रहा है।
IFS Vidushi Singh की कहानी साबित करती है कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दृढ़ संकल्प और आत्मनिर्भरता जरूरी है। 21 वर्ष की आयु में IAS और PCS को ठुकराकर IFS अधिकारी बनना न केवल एक प्रेरणादायक कहानी है बल्कि सभी युवाओं के लिए एक उदाहरण भी है। उनकी UPSC की सफर हमें सिखाती है कि परिवार के सपनों को पूरा करना और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पण रखना किसी भी ऊंचाई को छूने का मार्ग बन सकता है।
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