Ishwarya Ramanathan: कम उम्र में बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाली प्रेरणास्त्रोत आईएएस अधिकारी की कहानी।

“Ishwarya Ramanathan: जानें कैसे आईएएस अधिकारी ईश्वर्या रामनाथन ने 24 साल की उम्र में दो बार यूपीएससी परीक्षा पास कर मिसाल कायम की। उनके संघर्ष, प्रेरणा और उपलब्धियों की कहानी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत है।”

कुछ लोगों में ऐसी असाधारण प्रेरणा होती है कि वे कम उम्र में ही मील के पत्थर हासिल कर लेते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण हैं IAS Officer Ishwarya Ramanathan, जिन्होंने 24 साल की उम्र में दो बार यूपीएससी परीक्षा पास कर एक मिसाल कायम की है। उनकी कहानी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

प्रारंभिक जीवन और चुनौतियाँ

प्राकृतिक आपदाओं से मिली प्रेरणा

Ishwarya Ramanathan (ईश्वर्या रामनाथन) का जन्म तमिलनाडु के तटीय जिले कुड्डालोर में हुआ। उन्होंने अपने जीवन में कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया, जैसे कि बाढ़, चक्रवात और भारी बारिश। 2004 की सुनामी ने उनके जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ा। इस कठिन समय में उन्होंने कलेक्टर गगनदीप सिंह बेदी के कामों को देखा और उनसे प्रेरणा प्राप्त की, जो उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।

परिवार की आर्थिक स्थिति का प्रभाव

Ishwarya Ramanathan के पिता आर. रामनाथन काजू की खेती करते हैं, और उनकी मां ने आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कड़ी मेहनत की। उनके परिवार की आर्थिक चुनौतियों ने ईश्वर्या को बड़े सपने देखने और उन्हें हासिल करने की प्रेरणा दी। उनकी मां, जो खुद एक सरकारी नौकरी में कार्यरत हैं, ने उनकी कलेक्टर बनने की इच्छा को हमेशा सुपोर्ट किया।

Ishwarya Ramanathan की Academic सफर और यूपीएससी की तैयारी

इंजीनियरिंग से सिविल सेवा तक का सफर

Ishwarya Ramanathan ने 2017 में चेन्नई के अन्ना यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। कॉलेज के साथ ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी थी। उनका दृढ़ संकल्प और मेहनत रंग लाई, और पहले ही प्रयास में उन्होंने 630वीं ऑल इंडिया रैंक (AIR) हासिल की। उन्हें रेलवे लेखा सेवा में नियुक्ति मिली, लेकिन आईएएस अधिकारी बनने का सपना उनके मन में अटल था।

दूसरी बार प्रयास में सफलता

आईएएस बनने के अपने दृढ़ संकल्प के चलते, Ishwarya Ramanathan ने फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी। 2019 में, अपने दूसरे प्रयास में, उन्होंने 47वीं रैंक के साथ परीक्षा पास की और आईएएस अधिकारी बनने का अपना सपना पूरा किया। उन्होंने बताया कि यह आकांक्षा बचपन के उनके सपनों में बसी हुई थी, और उनकी मां ने इस यात्रा में उनका पूरा साथ दिया।

Ishwarya Ramanathan: भारत की सबसे कम उम्र की आईएएस अधिकारियों में से एक

वर्तमान जिम्मेदारियाँ और उनमें योगदान

महज 24 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बनने के बाद, ईश्वर्या रामनाथन अब तमिलनाडु के तिरुवल्लूर में सब-कलेक्टर और एसडीएम के रूप में कार्यरत हैं। उनकी कार्यशैली और दृढ़ संकल्प लोगों को प्रेरित कर रहा है, और वे समाज में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

प्रेरणास्त्रोत के रूप में ईश्वर्या रामनाथन

युवा पीढ़ी के लिए संदेश

Ishwarya Ramanathan की यात्रा युवाओं को यह संदेश देती है कि मेहनत, दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास के बल पर किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। आर्थिक स्थिति और जीवन की कठिनाइयाँ केवल उस व्यक्ति को प्रभावित कर सकती हैं जो हार मान लेता है। ईश्वर्या रामनाथन ने साबित कर दिया कि यदि मन में ठान लिया जाए, तो किसी भी लक्ष्य को हासिल करना असंभव नहीं है।

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