“IAS Ayushi Pradhan की प्रेरणादायक कहानी: बिना कोचिंग के तीन बार UPSC क्रैक कर IAS बनने का सपना पूरा किया। ओडिशा की इस होनहार छात्रा की मेहनत और संघर्ष से भरी सफलता की कहानी पढ़ें।”
यूपीएससी सिविल सर्विस की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा को पास करने के लिए छात्र कई सालों तक तैयारी करते हैं, और कई बार असफलता का सामना करना पड़ता है। ऐसे में IAS Ayushi Pradhan की कहानी बेहद प्रेरणादायक है, जिन्होंने न केवल एक बार बल्कि तीन बार UPSC क्रैक कर एक मिसाल कायम की है। खास बात यह है कि उन्होंने यह सफलता बिना किसी कोचिंग के हासिल की है। आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी को।
IAS Ayushi Pradhan का परिचय
आयुषी प्रधान का जन्म और पालन-पोषण ओडिशा के भुवनेश्वर में हुआ। साधारण परिवार से आने वाली आयुषी शुरू से ही पढ़ाई में टॉप रही हैं। उन्होंने 2023 की UPSC परीक्षा में रैंक 36 प्राप्त कर यह परीक्षा तीसरी बार पास की है। उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें देशभर में प्रेरणा का स्रोत बना दिया है।
शिक्षा और शुरुआती असफलताएं
आयुषी का शिक्षा के प्रति गहरा लगाव रहा है। 12वीं के बाद उनका सपना डॉक्टर बनने का था, लेकिन NEET परीक्षा पास न कर पाने के कारण उन्हें बीटेक में एडमिशन लेना पड़ा। उन्होंने कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री पूरी की और फिर MBA करने का फैसला किया। इस दौरान उनके मन में UPSC करने का कोई विचार नहीं था, बल्कि वो कॉलेज प्लेसमेंट की तैयारी में जुटी हुई थीं।
एमबीए के बाद आयुषी एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने लगीं, लेकिन एक घटना ने उनके जीवन का रुख बदल दिया। वह अपनी मां के साथ एक NGO टीम के साथ गांव में गईं। वहां के हालात देखकर उन्हें महसूस हुआ कि सिविल सर्विस के माध्यम से ही वह समाज में बदलाव ला सकती हैं। इस अनुभव ने उन्हें सिविल सर्विस में जाने के लिए प्रेरित किया, और उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर UPSC की तैयारी शुरू कर दी।
पहली बार में सफलता, लेकिन मिली चुनौतियां
IAS Ayushi Pradhan ने बिना कोचिंग के UPSC की तैयारी की और पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर ली। हालांकि, उनका चयन इंटरव्यू में नहीं हो सका। इस असफलता ने उन्हें निराश नहीं किया बल्कि आगे और बेहतर तैयारी करने का हौसला दिया।
दूसरा प्रयास: सफलता की ओर एक कदम
अपने दूसरे प्रयास में, आयुषी ने UPSC परीक्षा पास कर रैंक 334 हासिल की और IDES (Indian Defense Estates Service) कैडर के लिए चुनी गईं। इस उपलब्धि से उनका आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने अपने लक्ष्य को IAS बनने के लिए एक बार फिर प्रयास करने का निर्णय लिया।
तीसरे प्रयास में हुआ IAS बनने का सपना सच
IAS Ayushi Pradhan ने तीसरे प्रयास में शानदार प्रदर्शन करते हुए रैंक 36 प्राप्त की और IAS के पद के लिए चयनित हुईं। उन्होंने यह सफलता बिना किसी कोचिंग या गाइडेंस के, सिर्फ अपनी मेहनत और आत्मविश्वास के बल पर हासिल की। यह उन लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो संसाधनों के अभाव में UPSC जैसे बड़े सपनों को छोड़ देते हैं।
बिना कोचिंग के UPSC कैसे किया पास?
एक इंटरव्यू में IAS Ayushi Pradhan ने बताया कि उन्होंने कभी भी UPSC की तैयारी के लिए कोचिंग का सहारा नहीं लिया। उनकी Strategy में Self Study और एक स्ट्रक्चर्ड स्टडी प्लान शामिल था। आयुषी ने समय का सही उपयोग किया और किताबों से अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त किया। साथ ही, उन्होंने पुराने प्रश्नपत्रों को हल करते हुए मॉक टेस्ट से अपनी तैयारी को मजबूत की।
IAS Ayushi Pradhan की तैयारी का मंत्र
आयुषी की तैयारी में कुछ मुख्य बातें शामिल थीं:
- समय प्रबंधन: उन्होंने हर विषय के लिए समय निर्धारित किया और उसके अनुसार पढ़ाई की।
- सिलेबस की गहन समझ: सिलेबस को अच्छे से समझकर पढ़ाई करना आयुषी की Strategy का अहम हिस्सा था।
- समाजसेवा का अनुभव: NGO के साथ काम करने के दौरान उन्होंने समाज के कई मुद्दों को करीब से देखा, जिसने उनके उत्तरों को और प्रभावी बना दिया।
IAS Ayushi Pradhan की सफलता से मिलने वाली प्रेरणा
Ayushi Pradhan की कहानी उन छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो किसी भी कारण से कोचिंग नहीं ले पाते हैं। उन्होंने यह साबित कर दिखाया कि यदि मेहनत और संकल्प हो, तो संसाधनों की कमी के बावजूद भी बड़ी से बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है। आयुषी का यह सफर बताता है कि मेहनत, आत्म-विश्वास और दृढ़ इच्छाशक्ति से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।
IAS Ayushi Pradhan की यह सफर हमें सिखाती है कि असफलता को सफलता की सीढ़ी बनाया जा सकता है। उनके संघर्ष, मेहनत और संकल्प ने उन्हें सफलता के शिखर तक पहुंचाया, और उनकी यह कहानी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।
Read More
IAS Anu Kumari की प्रेरणादायक सफलता की कहानी: परिवार से दूरी बनाकर की तैयारी
2 thoughts on “IAS Ayushi Pradhan की प्रेरणादायक सफलता की कहानी बिना कोचिंग तीन बार की UPSC क्रैक।”