IAS Anu Kumari की प्रेरणादायक सफलता की कहानी: परिवार से दूरी बनाकर की तैयारी।

“जानें IAS Anu Kumari की प्रेरणादायक कहानी, जिन्होंने अपने बेटे से दूर रहकर यूपीएससी की परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल की। उनका त्याग, संकल्प, और मेहनत सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”

किसी भी मां का अपने छोटे बच्चे से दूर रहना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन अनु कुमारी ने UPSC के लिए अपने बेटे से अलग रहकर तैयारी करने का फैसला लिया। उनका यह त्याग और दृढ़ संकल्प लाखों लोगों को प्रेरित करता है। IAS Anu Kumari की सफलता की कहानी एक ऐसी मां की कहानी है जिसने अपने बच्चे के भविष्य के साथ-साथ अपने देश की सेवा करने का सपना भी संजोया।

आईएएस बनने का सपना

देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को पास करना एक बड़ी उपलब्धि होती है। लाखों लोग इस परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन कुछ चुनिंदा लोग ही इसे पास कर पाते हैं। अनु कुमारी का आईएएस बनने का सपना उनके बचपन से ही था और इसके लिए उन्होंने बड़े स्तर पर प्रयास किए।

शिक्षा और शुरुआती करियर

IAS Anu Kumari हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से फिजिक्स में बीएससी (ऑनर्स) की और उसके बाद आईएमटी नागपुर से फाइनेंस और मार्केटिंग में एमबीए किया। अपनी पढ़ाई के बाद उन्हें एक आईटी कंपनी में अच्छी सैलरी के साथ नौकरी भी मिल गई। लेकिन, आईएएस बनने का सपना उनके मन में हमेशा बना रहा और उन्होंने इस दिशा में कदम बढ़ाने का निर्णय लिया।

शादी, मातृत्व और बड़ा फैसला

IAS Anu Kumari की शादी 2012 में हो गई थी उसके कुछ वर्षों बाद उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया। मां बनने के बाद अनु कुमारी के सामने अपनी जिम्मेदारियों और अपने सपने के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती थी। अपने बेटे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अनु ने उसे अपनी मां के पास भेज दिया और करीब दो वर्षों तक उससे दूर रहकर यूपीएससी की कठिन तैयारी में जुट गईं। 

पहली असफलता और दूसरी बार की तैयारी

अनु कुमारी ने 2016 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी, लेकिन वह सिर्फ एक अंक से सफल होने से रह गई। इस असफलता ने उन्हें कमज़ोर करने के बजाय और भी मजबूत बना दिया। उन्होंने अपने सपने को पाने का एक और प्रयास करने का निर्णय किया और 2017 में फिर से परीक्षा दी। इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और पूरे भारत में उन्होंने दूसरी रैंक हासिल की।

IAS Anu Kumari की वर्तमान में पद और देशसेवा

वर्तमान में IAS Anu Kumari केरल के तिरुवनंतपुरम में जिला कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। उनके इस पद पर रहते हुए उन्होंने समाज के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं और जनता की सेवा में खुद को समर्पित किया है। उनकी कहानी आज लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो अपने सपनों को पाने के लिए परिवार और समाज की जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करती हैं।

IAS Anu Kumari की कहानी से सीख

  • त्याग और संकल्प: अनु ने अपने सपने को पूरा करने के लिए अपने बेटे से दूरी बनाने का साहसिक फैसला लिया, जो बताता है कि एक लक्ष्य के प्रति समर्पण कितना महत्वपूर्ण होता है।
  • कभी हार न मानें: पहली बार असफल होने पर भी अनु कुमारी ने हार नहीं मानी, बल्कि अपने सपने को पाने के लिए और भी जोश के साथ कोशिश की।
  • सही समय पर निर्णय: IAS Anu Kumari की कहानी से यह भी सीख मिलती है कि जीवन में सही समय पर निर्णय लेना कितना जरूरी होता है।

IAS Anu Kumari की सफलता की कहानी एक अद्वितीय प्रेरणा है। उनकी मेहनत, त्याग, और संकल्प ने उन्हें उस मुकाम तक पहुंचाया जिसे लाखों लोग सिर्फ सपने में देखते हैं। अनु कुमारी की यह यात्रा उन सभी के लिए एक मिसाल है जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं, चाहे इसके लिए कितनी भी कठिन परिस्थितियों का सामना क्यों न करना पड़े।

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