“जानें Chief Justice of India की नियुक्ति की प्रक्रिया, वरिष्ठता का महत्व, और आने वाले CJI की सूची। पढ़ें सम्पूर्ण जानकारी इस ब्लॉग में।”
भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India – CJI) का पद न्यायपालिका के सर्वोच्च सम्मानित पदों में से एक है। इसके लिए एक विशेष प्रक्रिया अपनाई जाती है, जो भारत की न्यायिक व्यवस्था की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करती है। इस लेख में हम जानेंगे कि CJI की नियुक्ति कैसे होती है, इस प्रक्रिया में कौन से नियम हैं, और भविष्य में इस पद पर कौन-कौन न्यायाधीश आ सकते हैं।
Chief Justice of India की नियुक्ति: नियम और परंपराएं
भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति परंपरा और नियमों के संयोजन पर आधारित होती है। इसमें Seniority को सर्वोच्च महत्व दिया गया है, जो न्यायिक निरंतरता को बनाए रखने में सहायक है।
Legacy के अनुसार, भारत का मुख्य न्यायाधीश वह व्यक्ति होता है, जो सर्वोच्च न्यायालय में सबसे Senior न्यायाधीश होता है और जिसे इस पद पर नियुक्ति के लिए योग्य माना जाता है।
एम.ओ.पी. क्या है?
मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की प्रक्रिया को ‘Memorandum of Procedure’ (एम.ओ.पी.) में शामिल किया गया है। एम.ओ.पी. एक दस्तावेज है, जो बताता है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति कैसे होगी।
नियुक्ति की प्रक्रिया कैसे होती है?
Chief Justice of India की नियुक्ति एक पूर्व-निर्धारित प्रक्रिया से गुजरती है, जिसमें कई चरण शामिल होते हैं।
1. अनुशंसा प्रक्रिया: जब वर्तमान Chief Justice of India का कार्यकाल समाप्त होने वाला होता है, तब केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री निवर्तमान CJI से अगले मुख्य न्यायाधीश के लिए अनुशंसा मांगते हैं।
2. अनुशंसा की समय-सीमा: यह अनुशंसा प्रक्रिया निवर्तमान Chief Justice of India की सेवानिवृत्ति से लगभग एक महीने पहले शुरू हो जाती है।
3. मंत्रिमंडल की स्वीकृति: Chief Justice of India द्वारा अनुशंसित नाम को केंद्रीय विधि मंत्री प्रधानमंत्री को भेजते हैं, और प्रधानमंत्री इसे राष्ट्रपति के पास अंतिम निर्णय के लिए भेजते हैं।
4. राष्ट्रपति की मंजूरी: राष्ट्रपति द्वारा अंतिम निर्णय दिए जाने के बाद नामित न्यायाधीश को भारत का अगला मुख्य न्यायाधीश घोषित किया जाता है।
आने वाले समय में कौन हो सकते हैं CJI?
वर्तमान में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को भारत का अगला मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। वह 10 नवंबर को वर्तमान CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ के सेवानिवृत्त होने के बाद पद ग्रहण करेंगे। इसके बाद आने वाले समय में भी सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश इस पद पर बैठेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के आने वाले मुख्य न्यायाधीशों की सूची
जज | पदभार ग्रहण करने की तिथि | सेवानिवृत्ति तिथि | कार्यकाल की अवधि |
---|---|---|---|
जस्टिस संजीव खन्ना | 11.11.2024 | 13.05.2025 | 184 दिन |
जस्टिस बी.आर. गवई | 14.05.2025 | 23.11.2025 | 194 दिन |
जस्टिस सूर्यकांत | 24.11.2025 | 09.02.2027 | 443 दिन |
जस्टिस विक्रम नाथ | 10.02.2027 | 23.09.2027 | 226 दिन |
जस्टिस बी.वी. नागरत्ना | 24.09.2027 | 29.10.2027 | 36 दिन |
जस्टिस पीएस नरसिम्हा | 30.10.2027 | 02.05.2028 | 186 दिन |
जस्टिस जे.बी. पारदीवाला | 03.05.2028 | 11.08.2030 | 831 दिन |
जस्टिस के.वी. विश्वनाथन | 12.08.2030 | 25.05.2031 | 287 दिन |
क्या यह Legacy टूटी है कभी?
सामान्यत: Senior Judges को ही Chief Justice of India बनाया जाता है, लेकिन इस legacy को 1973 में तोड़ा गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जस्टिस जेएम शेलट, केएस हेगड़े और एएन ग्रोवर को दरकिनार कर जस्टिस एएन रे को CJI नियुक्त किया था। ऐसा माना जाता है कि इस निर्णय में सरकार की भूमिका अधिक थी, जिसके कारण न्यायपालिका और सरकार के संबंधों में तनाव उत्पन्न हुआ।
Memorandum of Procedure (MOP) का उदय और NJAC की अस्वीकृति
Memorandum of Procedure (MOP) का अस्तित्व पहली बार 1999 में आया था। इसके बाद 2015 में न्यायपालिका ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) को असंवैधानिक करार दिया। NJAC का उद्देश्य न्यायाधीशों की नियुक्ति में सरकार की भागीदारी को बढ़ाना था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया।
Chief Justice of India: भारत में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति एक पारदर्शी और निश्चित प्रक्रिया के माध्यम से होती है, जो न्यायपालिका की स्वतंत्रता और पारदर्शिता को बनाए रखने में सहायक है।
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